Wednesday 8 March 2017

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना - Ab Agar Aao To...

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना

सिर्फ अहसान जताने के लिए मत आना

मैंने पलकों पे तमन्नाएँ सजा रखी हैं
दिल में उम्मीद की सौ शम्मे जला रखी हैं
ये हँसीं शम्मे बुझाने के लिए मत आना

 प्यार की आग में जंजीरें पिघल सकती हैं
चाहने वालों की तक़बीरें बदल सकती हैं
तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना

अब तुम आना जो तुम्हें मुझसे मुहब्बत है कोई
मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत है कोई
तुम कोई रस्म निभाने के लिए मत आना
-जावेद अख़्तर 
JAVED AKHTAR

-Javed Akhtar